प्रार्थना की शक्ति- एक औषधीय गुण। The power of prayer - a medicinal quality.
श्री राम कृष्ण परमहंस कहा करते थे कि जब मन और वाणी एक होकर कोई चीज माँगते हैं, तब उस प्रार्थना का फल अवश्य मिलता हैं। मन और वाणी जब एक होकर ईश्वर से गुहार लगाते हैं, तो उनका सिंहासन डोल उठता हैं और ईश्वर उस मनुष्य की इच्छाओं को पूरा कर देते हैं। इसलिए तो गाँधी जी ने विश्वास प्रकट करते हुए स्पष्ट किया है कि पवित्र हृदय से निकली हुई प्रार्थना कभी व्यर्थ एवं निष्फल नहीं होती। प्रार्थना के माध्यम से ईश्वरीय प्रेम एवं कृपा की वृष्टि होती ही है और मनुष्य अपनी इच्छाओं और आकांक्षाओं को फलीभूत होते देखा है। इसी कारण गाँधी जी ने अपने जीवन में प्रार्थना को अपरिहार्य मानते हुए इसे "आत्मा की खुराक" कहा है।
Sri Rama Krishna Paramahamsa said that when mind and speech like something together, that prayer results. When the mind and voice unite and plead with God, their throne swells and God fulfills the wishes of the man. That is why Gandhiji while expressing his faith, has clarified that the prayer emanating from the pure heart is never meaningless and neutral. Through prayer, divine love and grace are seen, and humans have seen their desires and aspirations flourish. For this reason, Gandhiji considered prayer as inevitable in his life and called it a "feed"
प्रार्थना ईश्वर के प्रति समर्पित की गई एक ऐसी भावना है जिसे आंतरिक की संज्ञा दी सकती है। जब यही पुकार द्रौपदी, मीरा और प्रह्लाद के समान हृदय से उठती है तो अद्भूत प्रभाव होता है और इस प्रकार की आंतरिक पुकार को सुन कर ईश्वर किसी ना किसी तरह पुकार करने वाले व्यक्ति की इच्छाओं की पूर्ति अवश्य करते है।
Prayer is a feeling devoted to God that can be called internal. When this call arises from the heart like Draupadi Meera and Prahlada there is a wonderful effect and by listening to this type of inner call, God must fulfill the wishes of the person who calls in some way.
गहन आस्था और प्रबल विश्वास से की गई है। प्रार्थना का चमत्कारी परिणाम होता है। इस परिणाम को भौतिक वैज्ञानिक भी मानने और स्वीकार करने लगे हैं।
Prayers made with deep faith and strong faith have miraculous results even physicists have started accepting and accepting this result.
प्रार्थना वाणी या जिह्वा की वाचालता नहीं है, बल्कि हृदय की करुणामयी भाषा है, जब ऐसी भाषा हृदय से भावना के रूप में प्रगट होती है तो ईश्वरीय शक्ति कैसे अनसुना कर देंगे। चाल्स फिल्मोर ने इस सत्य को शब्द देते हुए उल्लेख किया है कि प्रार्थना सदैव सुनी जाती है, इसका उत्तर अवश्य मिलता है और यदि हमें इस उत्तर नहीं तो यह स्पष्ट है कि प्रार्थना में कहीं कोई भूल हुई है।
Prayer is not the eloquence of speech or tongue, but the compassionate language of the heart, how such divine power will be unheard of when such language appears as a feeling from the heart. Chals Filmore has given word to the truth that the prayer is always heard, the answer is definitely received and if we do not have this answer then it is clear that there is a mistake somewhere in the prayer.
प्रार्थना के चमत्कारी परिणामों से डॉक्टर, शोधकर्ताओं एवं वैज्ञानिक से भी मान्यता मिल रही है। प्रार्थना से जीवन की जटिल समस्याएं हल होती हैं और रोग ठीक होते है। प्रार्थना में प्रबल शक्ति और सामर्थ्य होती है। इस तथ्य को प्रमाणित करने के उद्देश्य से न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी "स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज" के डॉ रोजेरियो ए0 लोवो ने अध्ययन किया है। "जरनल्स ऑफ रिप्रोडक्टिव हेल्थ" में इसका विस्तृत जानकारी दी गई है। डॉ लोवो ने दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल की एक हॉस्पिटल में गर्भस्थ शिशुओं के सर्वेक्षण के दौरान पाया कि जिन महिलाओं के लिए प्रार्थना की गई और जो स्वयं प्रार्थना करते है, उनके बच्चों का व्यवहार अधिक श्रेष्ठ हो जाता है।
The miraculous results of prayer are also getting recognition from doctors, researchers and scientists. Prayer solves the complex problems of life and cures diseases. Prayer has strong power and strength. Dr. Rogerio A. Lovo of Columbia University's "School of Medical Sciences" has studied at New York's Columbia University for the purpose of validating this fact. It is detailed in the "Journal of Reproductive Health". Dr. Lwowo, during a survey of fetal infants at a hospital in Seoul, the capital of South Korea, found that the behavior of the children of women for whom they prayed and those who prayed to themselves became more superior.
प्रार्थना के प्रभाव का यह अध्ययन कृत्रिमगर्भधारण करने के लिए आई 199 महिलाओं पर किया गया। शोध में शामिल सभी महिलाओं की आयु, स्थान एवं स्थिति एक जैसी व समान थी। 199 महिलाओं में से 99 महिलाओं के लिए अमेरिका, कनाडा, और आस्ट्रेलिया के प्रार्थना समूहों ने प्रार्थना की। प्रत्येक प्रार्थना समूह को गर्भाधान में आई महिला की एक फ़ोटो दी गई, जिसके लिए उसे प्रार्थना करनी थी। प्रार्थना का यह शुभ समाचार न तो उपचार से गुजरने वाली महिलाओं को दिया गया और न ही उनके पास रहने वाले लोगों को को पता था। इसके पीछे एकमात्र उद्देश्य था कि इस सूचना का प्रभाव महिलाओं के परिणाम पर न पड़े। अध्ययन कर्ताओ को भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई।
This study of the effect of prayer was performed on 199 women to perform prosthesis. All the women involved in the research had the same age, location and status. Prayer groups from the US, Canada, and Australia prayed for 99 of the 199 women. Each prayer group was given a photo of the woman in conception, for which she had to pray. This auspicious news of prayer was neither given to the women undergoing treatment, nor to the people living near them. The only purpose behind this was that this information should not affect the outcome of women. No information was given in this regard to the study authors.
इस शोध का परिणाम गर्भवती माताओं और उनके शिशुओं पर अत्यधिक सकारात्मक एवं उत्साहित करने वाला था। डॉ लोवो ने इस अध्ययन के बाद कहा कि यह एक अविश्वसनीय लेकिन यथार्थ घटना है, प्रार्थना एक दिव्य औषधि है, यह एक महान उपचार है इसे सभी को अपनाना चाहिए।
The result of this research was highly positive and encouraging on pregnant mothers and their babies. Dr. Lovo said after this study that this is an incredible but real event, prayer is a divine medicine, it is a great remedy, all should adopt it.
प्रार्थना से शारीरिक एवं मानसिक रोगों को दूर किया जा सकता है और आंतरिक दुष्प्रवृत्तियों पर विजय प्राप्त करने के साथ मन को नियंत्रित किया जा सकता है। अतः सच्चे मन से, हृदय की गहराई से हम सबको प्रार्थना करना चाहिए।
Prayer can remove physical and mental diseases and control the mind while overcoming internal illusions. Therefore with a sincere heart, from the bottom of our heart we should all pray.
आप सभी से निवेदन है कि सुझाव दे।
ReplyDeleteGood.
ReplyDeleteBahut achhaa hai.
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ReplyDeleteGood.
ReplyDeletePrathanajarurihai.
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ReplyDeleteNice.
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