इसलिए हमारी संस्कृति महान है। So our culture is great.


तेज बुखार की वजह से महाराणा प्रताप की देह तावे की तरह तप रही थी। महाराणा प्रताप भूमि पर लेटे हुए वैद्य से घिरे थे। वैद्य एक सहायक लेप पीस कर महाराणा के ललाट पर लगा रहा था। अचानक ही कराहते हुए महाराणा उठ बैठे। धधकते आँखों से आसपास के लोगों को देखकर पूछ लिया कि- अमरसिंह की कोई समाचार मिला है, क्या?
Maharana Pratap's body was meditating like a heat due to high fever. Maharana Pratap was surrounded by a Vaidya lying on the ground. Vaidya was grinding an assistant coatand applying it on Maharana's forehead. Suddenly, Maharana sat up groaning. Seeing the people around with blazing eyes, I asked- have you received any news about Amarsingh?

अभी तक तो कोई समाचार नहीं आई, अन्नदाता! एक सेवक ने हाथ जोड़, सिर नवाकर कहा। आप कुँवर जी की चिंता छोड़ दें महाराणा। वे आप के सन्तान है, आपकी शान में बट्टा लगाकर वे हारेगें नहीं, विजय पताका फहराकर ही आएंगे। आपको तेज ज्वर है, आप आराम कीजिए। वैद्य ने उन्हें लिटाते हुए कहा।

No news has come yet, Annadata!  A servant folded his hands, nodding his head.  Maharana, you leave the concern of Kunwar Ji. They are your children, they will not lose by putting a discount in your pride, they will come only with a flag of victory. You have high fever, you relax.  Vaidya told him while lying.

वैद्य राज आपके मुंह में घी शक्कर जो कुँवर रण जीत आए। दरअसल बात यह है- वैद्यराज जी कि मुगल सेना के सेनापति अब्दुर्रहीम खानखाना अनुभवी, वीर और बुद्धिमान हैं। ऐसे रणबाँकुरे कम ही मिलते है।
Vaidya Raj: Ghee sugar in your mouth that wins the Kunwar Ran.  Actually the thing is- Vaidyaraj ji that Abdurrahim Khankhana, the commander of the Mughal army, is experienced, brave and intelligent. Such Ranbankure is rarely found.

यदि मैं स्वस्थ होता तो युद्ध करने का आनंद उठाता। अफसोस है कि मैं बुखार से घिरकर यहां छटपटा रहा हूँ। महाराणा ने बात अभी पूरी भी नहीं की थी कि एक सैनिक ने आकर 'महाराणा की जय हो' कहकर प्रणाम किया। महाराणा ने उसे देखकर मुसकराकर पूछा- क्यों, क्या खबर लाए हो, उज्ज्वल सिंह?

If I was healthy, I would enjoy fighting.  Sadly, I am besieged by a fever. Maharana had not yet completed the matter that a soldier came and saluted him saying 'Maharana ki Jai Ho'. Maharana smiled looking at him and asked- Why, have you brought the news, Ujjwal Singh?

महाराणा की जय हो अन्नदाता, कुँवर अमर सिंह ने मुगल सेना को खदेड़ कर भगा दिया है। कई मुगल सरदार बंदी बना लिए गए हैं। तो फिर कुँवर कहा है? हुजूर हमारी सेना ने कुँवर सा के नेतृत्व में मुगल हरम को घेर रखा है। आगन्तुक सैनिक ने कहा।
ओह गजब हो गया वैद्यराज जी। आप आराम कीजिए अन्नदाता, ईश्वर सब ठीक करेगा।
Hail Annadata of Maharana, Kunwar Amar Singh has driven away the Mughal army.  Many Mughal chieftains have been taken captive.  Where is Kunwar then?  Huzur Our army has surrounded the Mughal Haram under the leadership of Kunwar Sa. The visitor said. Oh, Vaidrajraj  Rest, Annadata, God will do everything right.

पर उज्ज्वल सिंह मुगल हरम को घेरने का आदेश किसने दिया उत्तेजित महाराणा उठ कर बैठे गए। माफ करें अन्नदाता, सेना तो कुँवर सा के इशारे पर ही घेरा बंदी करने लगी थी। उज्ज्वल सिंह डर के कारण कॉप रहा था।
But who gave orders to besiege Ujjwal Singh Mughal Haram, excited Maharana got up and sat down. Sorry Annadata, the army started capturing the circle at the behest of Kunwar Sa. Ujjwal Singh was coping due to fear.

अरे अमर सिंह, ऐसी कमीनी हरकत करने से पहले तू मर क्यों नहीं गया। अपनी महान संस्कृति पर कलंक लगाएगा क्या? अरे हिंदू हो या मुसलमान, वह तो जननी है, माता हैं। हर हाल में वह पूजनीय है। 


Hey Amar Singh, why didn't you die before doing such a bastard act. Will your great culture be blamed? Hey Hindu or Muslim, she is mother, mother. In any case, he is revered.

महाराणा बोले, हम अभी युद्ध भूमि में जाएंगे। वैद्यराजजी उन्हें तेज ज्वर की याद दिलाकर भी रोक नहीं पाए। वैद्य राज भी सैनिकों के साथ उसी तरफ आगे बढ़ गए।
Maharana said, we will go to the battlefield now. Vaidrajraj could not stop him by reminding him of the fast fever.  Vaidya Raj also proceeded on the same side with the soldiers.

रण भूमि पर महाराणा के आगमन की बात सुनते ही कुँवर अमर सिंह जल्दी से शिविर से बाहर आकर उनकी ओर लपके। महाराणा ने बिना कुछ कहे ही उन्हें जलते नेत्रों से घूरकर देखा तो बिना कहे ही अमर सिंह को अपनी गलती का एहसास हो गया।
On hearing of the arrival of Maharana on the battle ground, Kunwar Amar Singh hurriedly came out of the camp and caught him.  When Maharana saw him staring with burning eyes without saying anything, Amar Singh realized his mistake without saying it.

महाराणा ने पुकारा..... बड़ी बी साहिबा को मेवाड़ के सपूतों का प्रणाम। आप मेरे पुत्र के अपराध को क्षमा करें, कल सुबह होते ही आपको सुरक्षित रूप से रवाना करवाने की व्यवस्था हो जाएगी। आप चिंता मत करिए हम हिन्दू कुल तिलक कहलाते है, उसकी मर्यादा भी निभाना जानते है।
Maharana called… Bade B Sahiba, Salutations to the sons of Mewar. Forgive my son's crime, as soon as tomorrow morning, there will be a arrangement to get you safely off.  Do not worry, we Hindus are called Kul Tilak, we also know to maintain his dignity.

यह हमें मालुम था। हम सब यहां उतनी ही सुरक्षित है, जितना कि अपने महल में रहती है। आप हम सबका आदाब कुबूल कीजिए। हरम में से एक हल्का-सा नारी स्वर गुंजा। आप की नेक नियति के चर्चे पहले से ही सुन रखें है। आज हम लोगों ने देख भी लिया। आप का तहे दिल से शुक्रिया अदा करते है।
We knew this. We are all as safe here as in our palace. You please accept all of us. A slight female voice rang out of the harem.  Already listen to the discussion of your noble destiny. Today we have seen it too.  Thank you wholeheartedly.

उधर बेगमात को रणक्षेत्र में छोड़ आने की भयंकर गलती के लिए अकबर ने जब सेना पति अब्दुर्रहीम खानखाना को लताड़ा, तो उन्होंने ने इत्मीनान से कहा- जहाँपनाह, महाराणा को मैं जानता हूँ। बेगमात वहां उतनी ही सुरक्षित हैं, जितनी कि शाही हरम में होती हैं।
On the other hand, when Akbar lashed out at the army husband Abdurrahim Khankhana for the terrible mistake of leaving Begmat in the battlefield, he leisurely said- I know Jahanpanah, Maharana. Begmat is just as safe there as in the royal harem.

'पर वे तो हमारे दुश्मन ठहरे'। अकबर ने कहा। अब्दुर्रहीम ने कहा- दुश्मन वे अवश्य है, लेकिन हिन्दू कुल तिलक पहले है। और औरतों का सम्मान करते है, चाहे वह दुश्मन सेना की ही औरते क्यों न हो।
'But they are our enemies'. Akbar said.  Abdurrahim said- He is an enemy, but Hindu Kul Tilak is first. And respect women, even if they are women of the enemy army.

इसी बीच अर्दली ने आकर महाराणा प्रताप की तरफ से भेजी सूचना दी कि- अगली सुबह सम्मान के साथ राजपूत सैनिकों की सुरक्षा में बेगमों की पालकियां विदा होंगी। वे सब ठीक है, चिंता न करें।
Meanwhile, the orderly came and informed on behalf of Maharana Pratap that the guardians of the Begums would leave in the safety of the Rajput soldiers with respect the next morning. They are all right, don't worry.

वाह रे फ़रिश्ते! अचानक ही अकबर के मुँह से निकल पड़ा। और सेनापति अब्दुर्रहीम खानखाना भी महाराणा प्रताप सिंह के इस कार्य के लिए सिर झुका दिया। दूसरे दिन सभी बेगमों की पालकियां शाही महल में पहुंच गई। हर कोई बेगमों के साथ साथ महाराणा प्रताप और भारतीय संस्कृति के गुण गा रहा था।

Wow, angel! Suddenly Akbar came out of his mouth. And the commander Abdurrahim Khankhana also bowed down to this task of Maharana Pratap Singh. On the second day the guardians of all the Begums reached the royal palace. Everyone was singing the qualities of Begums as well as Maharana Pratap and Indian culture.




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