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Showing posts from April, 2020

भारत में विभिन्न महामारियों के इतिहास। History of Epidemics in India.

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भारत कई दशको से कई महामारियों के प्रकोप को झेल रहा  हैं। जैसे- सार्स का प्रकोप, स्वाइन फ्लू का प्रकोप और कोरोना का प्रकोप। लेकिन इनमें कोई भी प्रकोप COVID-19 जितना व्यापक और घातक नहीं था। जब किसी रोग का प्रकोप सामान्य की अपेक्षा पहले की अपेक्षा बहुत अधिक होता तो उसे महामारी (epidemic) कहते हैं। महामारी किसी एक स्थान, क्षेत्र या जनसंख्या के भूभाग पर सीमित होती है। यदि कोई बीमारी दूसरे देशों और दूसरे महाद्वीपों में भी फ़ैल जाए तो उसे पैनडेमिक (pandemic) कहते हैं। WHO ने अब कोरोना वायरस को पैनडेमिक यानी महामारी घोषित कर दिया है। सामान्य शब्दों में कहे तो पैनडेमिक उस बीमारी को कहा जाता है, जो एक ही समय दुनिया के अलग-अलग देशों के लोगों में फैल रही हो। भारत में विभिन्न महामारियों के इतिहास  (History of Epidemics in India) 1915 - 1926 इंसेफेलाइटिस लेटार्गिका (1915 - 1926 Encephalitis Lethargica) इसे सुस्त इंसेफेलाइटिस के रूप में भी जाना जाता है। यह एक पैनडेमिक थी, जो 1915 -1926 के बीच विश्व-भर में फैल गई थी। एन्सेफलाइटिस एक प्रकार की तीव्र संक्रामक बीमारी थी जिसका वा

पुस्तकों से जुड़िए और पढ़िए।

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    कुछ वर्ष पहले तक पुस्तकें जीवन का अभिन्न अंग हुआ करती थीं। लेकिन आज के  बदलते हुए डिजिटल युग के कारण पुस्तकों के पढ़ने में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। Books were an integral part of life till a few years ago. But due to today's changing digital age, there is a huge decline in the reading of books. आज का युवा अब फेसबुक, वॉट्सएप तथा इंटरनेट पर अपना समय गुजारना पसंद करते है। पु स्तकें अब केवल ड्राइंग रूम में सजावट का सामान बनकर रह गई है। भारत में किताबों के प्रति तेज-गति से हो रहा यह मोहभंग चिंताजनक है। Today's youth now like to spend their time on Facebook, WhatsApp and Internet. Books are now left as decoration items only in the drawing room. This disenchantment with the fast pace of books in India is worrying. 24 राज्यों के 26 जिलों में 'असर' (एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट) द्वारा किए गए सर्वे बताते हैं कि इन राज्यों के साठ-साठ गांवों में किए गए सर्वे में यह बात निकलकर आई कि वहां 94 फीसदी लोगों के पास मोबाइल और करीब 74 के पास टेलीविजन हैं।

डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम द्वारा रचित 25 प्रमुख पुस्तके।

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डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने देश के सबसे महत्वपूर्ण संगठनों में से एक डीआरडीओ और इसरो में कार्य किया। उन्होंने वर्ष 1998 के द्वितीय पोखरण परमाणु परिक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वर्ष 2002 में कलाम भारत के राष्ट्रपति चुने गए और 5 वर्ष की अवधि की सेवा के बाद, वह शिक्षण, लेखन और सार्वजनिक सेवा में लौट आए थे। Dr. A.  P.J.  Abdul Kalam served in DRDO and ISRO, one of the most important organizations in the country. He was also instrumental in the second Pokhran nuclear test in 1998. In 2002, Kalam was elected President of India and after serving a 5-year term, he returned to teaching, writing and public service. अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु राज्य में एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था। Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam was born on 15 October 1931 in a Tamil Muslim family in Rameswaram, Tamil Nadu state. कलाम साहब ने अपने जीवन में कई ऐसे कार्य किये हैं जिसके कारण सभी धर्मों और सम्प्रदायों के लोग आज भी उनको याद क

पृथ्वी दिवस

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पृथ्वी दिवस प्रत्येक साल 22 अप्रैल को दुनिया भर में मनाया जाता है। पृथ्वी को संरक्षण प्रदान करने के लिए और सारी दुनिया से इसमें सहयोग और समर्थन करने के लिए पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। इस दिन पर्यावरण संरक्षण और पृथ्वी को बचाने का संकल्प लिया जाता है। Earth Day is celebrated worldwide on 22 April each year. Earth Day is celebrated to provide protection to the Earth and to support and support it from all over the world. On this day it is resolved to conserve the environment and save the earth. पृथ्वी दिवस का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक बनाना है। इस साल पृथ्वी दिवस का थीम  ‘Climate Action’ है, जबकि पिछले साल इसका थीम ‘Protect Our Species’ था। पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों को बचाने तथा दुनिया भर में पर्यावरण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लक्ष्य के साथ पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। The main purpose of Earth Day is to make people aware of environmental protection.  This year, the theme of Earth Day is 'Climate Action', while la

भारत में पंचायती राज व्यवस्था।

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पंचायत भारतीय समाज की बुनियादी व्यवस्थाओं में से एक रहा है। महात्मा गांधी ने भी पंचायतों और ग्राम गणराज्यों की वकालत की थी। स्वतंत्रता के बाद से ही समय–समय पर भारत में पंचायतों के कई प्रावधान किए गए और 1992 के 73वें संविधान संशोधन अधिनियम के साथ इसको अंतिम रूप प्राप्त हुआ था। अधिनियम का उद्देश्य पंचायती राज की तीन स्तरीय व्यवस्था बनाई गई है, इसमें शामिल हैं– क) ग्राम– स्तरीय पंचायत ख) प्रखंड (ब्लॉक)– स्तरीय पंचायत ग) जिला– स्तरीय पंचायत • ग्राम सभा गांव के स्तर पर उन शक्तियों का उपयोग कर सकती है और वैसे काम कर सकती है जैसा कि राज्य विधान मंडल को कानून दिया जा सकता है। • प्रावधानों के अनुरुप ग्राम, मध्यवर्ती और जिला स्तरों पर पंचायतों का गठन प्रत्येक राज्य में किया जाएगा। • एक राज्य में मध्यवर्ती स्तर पर पंचायत का गठन बीस लाख से अधिक की आबादी वाले स्थान पर नहीं किया जा सकता। • पंचायत की सभी सीटों को पंचायत क्षेत्र के निर्वाचन क्षेत्रों से प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा निर्वाचित व्यक्तियों से भरा जाएगा, इसके लिए, प्रत्येक पंचायत क्षेत्र को प्रादेशिक निर्वाचन क्ष

विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस

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World Book Day 2020:   विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस के रूप में भी जाना जाता है। वर्ल्ड बुक कैपिटल 2020 मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर है। यह दिवस यूनेस्को और दुनिया-भर के अन्य संबंधित संगठनों द्वारा लेखकों, पुस्तकों को दुनिया-भर में सम्मान देने, और पुस्तकों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। विश्व पुस्तक दिवस का इतिहास यूनेस्को ने 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस के रूप में चुना है जिसमें विलियम शेक्सपियर, मिगुएल डे सर्वंट्स और इंका गार्सिलसो डे ला वेगा सहित महान साहित्यकारों को श्रद्धांजलि दी गई थी, जिनकी मृत्यु इसी दिन हुई थी। 23 अप्रैल और पुस्तकों के बीच का यह संबंध सबसे पहले 1923 में स्पेन के बुकसेलर्स ने मिगुएल डे सर्वंट्स को सम्मानित करने के लिए बनाया था, जिनकी आज ही के दिन मृत्यु हो गई थी। वर्ष 1995 में इस तारीख को पेरिस में आयोजित यूनेस्को जनरल कॉन्फ्रेंस द्वारा दुनिया-भर में लेखकों को श्रद्धांजलि और सम्मान देने के लिए अंतिम रूप दिया गया था। कॉपीराइट क्या है ? यह एक कानूनी अवधारणा है, जो ज्यादातर सरकारों द्वारा लागू की जाती है, जो लेखकों या

कोरोना वायरस से बचाएगा संजीवनी बूटी। Sanjeevani buti will protect against corona virus.

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कोरोना महामारी (Coronavirus) से लड़ने के लिए विज्ञान तरह-तरह के उपाय ढूंढने में जुटा है।  इसी बीच भारत सरकार की आयुष मंत्रालय की तरफ से भी गाइडलान जारी की गई है। इसमें गोल्डन मिल्क और गोल्डन वाटर कोरोना के लिए रामबाण साबित हो रहा है। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान नई दिल्ली (एआईआई) के निदेशक डॉ तनूजा ने बताया कि प्रधानमंत्री ने जिन उपायों की बात की है वह आप घर में भी तैयार कर सकते है। Science is trying to find various ways to fight the coronavirus.  In the meantime, a guideline has also been issued by the Ministry of AYUSH, Government of India, which is proving to be a panacea for Golden Milk and Golden Water Corona.  Director of All India Institute of Ayurveda New Delhi (AII), Dr. Tanuja said that the measures that the Prime Minister has talked about, you can also prepare at home. कोरोना वायरस से बचाएगा संजीवनी बूटी Imunity Busters/Ptomoters (नीम, आंवला, गिलोय, तुलसी, हल्दी, पुदीना, जीरा, अजवायन, काली मुनक्का) आदि का प्रयोग करें। (Neem, Amla, Giloy, Basil, Turmeric,

वैशाखी। Vaishakhi.

भारतीय संस्कृति में वैशाख माह के पहले दिन को अलग-अलग स्थानो में अलग-अलग नामों से अनेक त्यौहार मनाया जाता है। जैसे- वैशाखी, पोहेला बोइशाख, बोहाग बिहू, विशु, पुथंडु जैसे त्यौहार मनाया जाता है। In Indian culture on the first day of Vaishakh month many festivals are celebrated in different places with different names. For example festivals like Vaishakhi, Pohela Boishakh, Bohag Bihu, Vishu, Puthandu are celebrated. वैशाखी सिख पंथ के लिए ऐतिहासिक और धार्मिक त्यौहार है। यह आमतौर पर हर साल 14 अप्रैल को मनाया जाता है, जो 1699 में गुरु गोबिंद सिंह के द्वारा "खालसा पंथ" के स्थापना का स्मरण करने का दिन भी हैं। वैसाखी का अर्थ "वैशाख के महीने से है"। Baishaki Sikhism is a historical and religious festival.  It is usually celebrated every year on 14 April, which is also the day to commemorate the establishment of the "Khalsa Panth" by Guru Gobind Singh in 1699. Vaisakhi means "from the month of Vaisakha". नगर कीर्तन सिख समुदाय में नगर कीर्तन

अतिथि सत्कार में भूल। Mistake in hospitality.

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एक जंगल में एक महात्मा रहते थे। वे बड़े अतिथि भक्त थे। नित्य प्रति जो भी पथिक उनकी कुटिया के सामने से गुजरता था, वे उसे रोककर भोजन दिया करते थे और उसकी सेवा भी करते थे। A Mahatma lived in a forest. He was a great guest devotee. Every pilgrim who passed before his hut, they would stop him and give him food and also serve him. एक दिन पथिक की प्रतीक्षा करते-करते शाम हो गई परंतु उन्हें कोई अतिथि न मिला। उस दिन नियम टूट जाने की आशंका से वे व्याकुल होने लगे। One day it was evening while waiting for the pilgrim but he did not get any guest. On that day, they started to get worried due to the possibility of breaking the rules. तभी उन्होंने देखा कि एक वृद्ध व्यक्ति थका-हारा चला आ रहा था। महात्मा जी ने उसे रोककर उसके पैर धुले और भोजन परोसा। वह वृद्ध बिना भगवान को भोग लगाएं और धन्यवाद दिये भोजन करने लग गया। Then he saw that an old man was running tired. Mahatmaji stopped him and washed his feet and served food. The old man offered food to God and offered food thanks to him. यह देख

कामजित और महात्मा बुद्ध। Kamajit and Mahatma Buddha.

घटना उन दिनों की हैं, जब महात्मा बुद्ध श्रावस्ती के जैतवन में विचरण कर रहे थे। उन्हीं दिनों सुप्पारक तीर्थ में साधु कामजित वासना और धन का मोह जीतने के कारण लोगों के बीच श्रद्धा व सम्मान के पात्र बन गए थे। सबका सम्मान मिलने के कारण उन्हें अपने आप पर अभियान हो गया। इस अहंकार के साथ जब वे अपने गुरु के पास लौटे तो गुरु ने उनसे यज्ञ के लिए समिधा लाने के लिए कहा। इस पर कामजित अभियान से बोले से बोले-" गुरुवर! अब मैं समस्त कामनाओ पर विजय प्राप्त कर चुका हूँ। अब मुझे किसी भी कर्म की आवश्यकता नहीं हैं।" गुरु उनके अहंकार को जान कर उनसे बोले- "वत्स!  मैंने सुना है कि कामनाओ पर विजय मात्र बुद्ध ने प्राप्त की है। वे इन दोनों श्रावस्ती में है। उत्तम होगा कि तुम उनसे एक बार अवश्य दर्शन कर आओ।" कामजित को यह सुनकर क्रोध आया कि उनके गुरु ने उनकी प्रशंसा करने के स्थान पर किसी और को कामनाओं पर विजय करने वाला माना है। वे बुद्ध से मिलने श्रावस्ती पहुंचे। पता चला कि बुद्ध भिक्षा के लिए निकले हैं। वे आश्चर्य के साथ कि इतने भिक्षुको के रहते हुए भी बुद्ध स्वयं भिक्षा मांगने गए ह